Sambodhan Karak - सम्बोधन कारक "अष्टमी विभक्ति" की परिभाषा, चिन्ह, उदाहरण |
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सम्बोधन कारक की परिभाषा
परिभाषा (1)- वह शब्द जिससे किसी को पुकारा या बुलाया जाए उसे सम्बोधन कारक कहते हैं। इस कारण इसकी कोई विभक्ति नहीं होती है। इसकी पहिचान करने के लिए (!) चिन्ह लगाया जाता है। इस चिन्ह को "सम्बोधन चिन्ह" भी कहते हैं | इसकी पहिचान हे, भो, अरे, अजी आदि से भी होती हैं।
Sambodhan karak |
सरल भाषा में इसकी एक और परिभाषा बताई जा सकती हैं जो कि कुछ इस प्रकार है -
सम्बोधन कारक की परिभाषा (2) - जिससे किसी को बुलाने अथवा पुकारने का भाव प्रकट हो उसे संबोधन कारक कहते है और इसको प्रदर्शित करने के लिए संबोधन चिह्न (!) लगाया जाता है।
सम्बोधन कारक की व्याख्या –
हे राम ! यह क्या हो गया। - इस वाक्य में ‘हे राम!’ सम्बोधन कारक है, क्योंकि यह सम्बोधन है।अरे भैया ! क्या कर रहे हो ? - इस वाक्य में ‘अरे भैया’ ! संबोधन कारक है।
हे श्याम ! यहाँ आओ। - इस वाक्य में ‘हे गोपाल’ ! संबोधन कारक है।
सम्बोधन कारक की एक परिभाषा (3) यह भी है -
कि संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से बुलाने या पुकारने का ज्ञान हो उसे सम्बोधन कहते हैं। अथवा जहाँ पर पुकारने , चेतावनी देने , ध्यान बटाने के लिए जब सम्बोधित किया जाता है वहां भी सम्बोधन कारक होता हैं। इसके अन्य उदाहरण से पूरी परिभाषा आपको स्पष्ट हो जाएगी |
सम्बोधन कारक के अन्य उदाहरण –
- अरे बच्चों! शोर मत करो।
- अरे महेश! तुम यहां कैसे ?
- अजी ! सुनते हो क्या।
- हे ईश्वर ! रक्षा करो।
- अरे ! बच्चो शोर मत करो।
- हे राम ! यह क्या हो गया।
- बाबूजी ! आप यहाँ बैठें।
- अरे राम ! जरा इधर आना।
- हे ईश्वर! इन सभी की रक्षा करना।
- अरे! यह इतना बड़ा हो गया।
- अरे ! आप आ गये।
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