Breaking Updates

वर्तमान भारतीय समाज और प्रारम्भिक शिक्षा || महत्वपूर्ण अति लघु उत्तरीय प्रश्न || Part - 2 ||

वर्तमान भारतीय समाज और प्रारम्भिक शिक्षा 

|| Part -2 ||

| अति लघु उत्तरीय प्रश्न |


प्रश्न 1. किस शिक्षाशास्त्री ने कहा है, “शिक्षा मनुष्य को पाशविक प्रवृत्तियों से ऊँचा उठाने का कार्य करती है।''
उत्तर- यह कथन अरस्तू का है।

प्रश्न 2. Evalution of Education Theory' नामक पुस्तक के लेखककौन हैं ?
उत्तर– इस पुस्तक के लेखक एडम्स हैं।

प्रश्न 3. जॉन एडम्स ने शिक्षा की प्रक्रिया के क्या दो आधारभूत स्तम्भ बताये?
उत्तर– जॉन एडम्स ने शिक्षा की प्रक्रिया के अध्यापक व छात्र दो आधारभूत स्तम्भ बताये हैं।

प्रश्न 4. “शिक्षा की प्रक्रिया में समाज का महत्त्वपूर्ण स्थान होता है ।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर— यह कथन जॉन ड्यूवी का है।

प्रश्न 5. यह कथन किसका है, “शिक्षा वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बालक की जन्मजात शक्तियाँ बाहर प्रकट होती हैं।''
उत्तर- यह कथन फ्रोबेल का है।

प्रश्न 6. यह कथन किसका है, “शिक्षा आन्तरिक जीवन एवं बाह्य संसार के मध्य समन्वय स्थापित करने की प्रक्रिया है।"
उत्तर— यह कथन हरबर्ट, स्पेन्सर का है।

प्रश्न 7. यह कथन किसका है, “शिक्षा व्यक्ति की शक्ति का विशेष रूप से मानसिक शक्ति का विकास करती है जिससे कि वह परम सत्य, शिव और सुन्दर के चिन्तन का आनन्द उठा सके ।''
उत्तर— यह कथन अरस्तू का है।

प्रश्न 8. यह कथन किसका है, “शिक्षा से मेरा तात्पर्य है बालक और मनुष्य के शरीर, मस्तिष्क व आत्मा का उत्कृष्ट विकास ।"
उत्तर - यह कश्चन महात्मा गांधी का है।

प्रश्न 9. यह कथन किसका है, “शिक्षा मनुष्य की आन्तरिक शक्तियों का स्वाभाविक, सर्वागीण एवं प्रगतिशील विकास है।''
उत्तर-  यह कथन पेस्टालॉजी का है।

प्रश्न 10. किसने शिक्षण प्रक्रिया के तीन अंग-शिक्षक, शिक्षार्थी व सामाजिक वातावरण बताये हैं।
उत्तर- जॉन ड्यूवी ने बताये हैं।

प्रश्न 11. मनोवैज्ञानिक विचारधारा तथा प्रकृतिवादी दार्शनिक किसे शिक्षा का केन्द्र बिन्दु मानते हैं ?
उत्तर- बालक को शिक्षा का केन्द्र मानते हैं।

प्रश्न 12. किस शिक्षाशास्त्री ने शिक्षा को समाज की प्रक्रिया माना है।
उत्तर- ड्यूवी ने शिक्षा को समाज की प्रक्रिया माना है ।

प्रश्न 13. किसने कहा है-“शिक्षा एक द्विमुखी प्रक्रिया है।"
उत्तर– एडम्स ने शिक्षा एक द्विमुखी प्रक्रिया माना है।

प्रश्न 14. किसने शिक्षा को त्रिमुखी प्रक्रिया माना है।
उत्तर- ड्यूवी ने शिक्षा को त्रिमुखी पक्रिया माना है।

प्रश्न 15. “चुम्बक के समान शिक्षा में भी दो ध्रुवों का होना आवश्यक है। इसलिए शिक्षा भी द्विमुखी प्रक्रिया है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर— यह कथन रॉस का है।

प्रश्न 16. शिक्षा प्रक्रिया को कितने भागों में विभाजित किया गया है।
उत्तर-  शिक्षा प्रक्रिया को तीन भागों में विभाजित किया गया है।

प्रश्न 17, “शिक्षा का सर्वश्रेष्ठ उद्देश्य तथा कार्य मानव प्रकृति तथा चरित्र को प्रशिक्षित करता है।'' यह कथन किसने कहा है ?
उत्तर—यह कथन प्लेटो का है।

प्रश्न 18. यह कथन किसने कहा है-“समाजविहीन व्यक्ति कोरी कल्पना |
उत्तर—यह कथन रेमेण्ट ने कहा है।

प्रश्न 19. “शिक्षा हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर— यह कथन पेस्तालॉजी का है।

प्रश्न 20. “पौधों का विकास कृषि के द्वारा एवं मनुष्य का विकास शिक्षा के द्वारा होता है।" यह कथन किसका है ?
उत्तर— यह कथन लॉक का है।

प्रश्न 21. “शिक्षा में अध्यापक-विद्यार्थी के साथ-साथ पाठ्यक्रम भी सम्मिलित किया जाता है क्योंकि पाठ्यक्रम के अभाव में शिक्षण कार्य पूर्ण नहीं हो सकता है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर - यह कथन जॉन डयूवी का है।

प्रश्न 22. मानव जीवन के कौन-से दो पक्ष हैं ?
उत्तर- प्रथम शारीरिक, द्वितीय सामाजिक और सांस्कृतिक।

प्रश्न 23. “जो विचार जीवन-निर्माण, मनुष्य निर्माण तथा चरित्र निर्माण में सहायक हों, उन्हें ही शिक्षा की संज्ञा दी जा सकती है।"
उत्तर— यह कथन स्वामी विवेकानन्द का है।।

प्रश्न 24. किसने लिखा है‘संगमरमर के पत्थर के लिए जो महत्त्व मूर्तिकार है, वही महत्त्व आत्मा के लिए शिक्षा का है।''
उत्तर– एडीसन।

प्रश्न 25. बालक के विकास की कितनी अवस्थाएँ होती हैं ?
उत्तर– तीन।
प्रश्न 26. “शिक्षा की सम्पूर्ण प्रक्रिया का उद्देश्य विकास या उन्नति है । यह किस दार्शनिक ने कहा ?
उत्तर– जॉन ड्यूवी ने कहा है।

प्रश्न 27. जॉन ड्यूवी ने कौन-सी पुस्तक लिखी ?
उत्तर– जॉन ड्यूवी ने डेमोक्रेसी एण्ड एजुकेशन पुस्तक लिखी है।

प्रश्न 28. “शिक्षा के कार्य उत्तम नैतिक चरित्र का विकास करना है।'' यह किस दार्शनिक ने कहा ?
उत्तर— हरबार्ट ने कहा है।

प्रश्न 29. भारतीय संस्कृति की प्राचीनकाल से किसमें आस्था रही है ?
उत्तर - 'वसुधैव कुटुम्बकम्'' में आस्था रही है।

प्रश्न 30, ‘‘शिक्षा व आर्थिक मूल्य'' नामक पुस्तक किसने लिखी ?
उत्तर– प्रो. बागले ने लिखी है।

प्रश्न 31. “शिक्षा वह प्रक्रिया है जो मानव को पाशविक प्रवृत्तियों से ऊँचा उठाती है।'' यह किस दार्शनिक ने कहा ?
उत्तर– अरस्तू ने कहा।

प्रश्न 32. शिक्षा का मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण कार्य क्या है ?
उत्तर– बालकों का चारित्रिक विकास करना।

प्रश्न 33. मानव के समस्त कार्य किसके अधीन होते हैं ?
उत्तर— मूल प्रवृत्तियों के अधीन होते हैं।


प्रश्न 34, किसी भी राष्ट्र की उन्नति एवं सप्पनता किस पर निर्भर करती है।
उत्तर[- शैक्षिक स्तर पर निर्भर करती है।

प्रश्न 35. शिक्षा का प्रमुख दायित्व क्या है ?
उत्तर- शिक्षा का प्रमुख दायित्व राष्ट्र निर्माण करना है।

प्रश्न 36. मनुष्य के लिए शिक्षा की सबसे बड़ी देन क्या है ?
उत्तर- आत्मनिर्भर बनाना है।

प्रश्न 37. छात्रों में नेतृत्व के गुणों का विकास कैसे किया जा सकता है ?
उत्तर- पाठयक्रम सहगामी क्रियाएँ।

प्रश्न 38. 'डेमोक्रेसी एण्ड एजुकेशन' नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं ?
उत्तर— इस पुस्तक के लेखक जॉन ड्यूवी हैं।

प्रश्न 39. “जीवन की भाँति शिक्षा का उद्देश्य भी व्यक्तित्व का उन्नयन है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन रॉस का है।

प्रश्न 40. “एजूकेशन वैल्यूज'' नामक पुस्तक के लेखक कौन हैं ?
उत्तर-  इसे पुस्तक के लेखक प्रो. बागले हैं।

प्रश्न 41. सामाजिक कुशलता का विकास शिक्षा का उद्देश्य किसने माना ?
उत्तर– जॉन ड्यूवी ने माना है।

प्रश्न 42, “समाज सेवा से ही आत्मा का विकास होता है ।'' यह कथन किसका है?
उत्तर—यह कथन रस्क का है।

प्रश्न 43. “वैयक्तिकता का विकास सिर्फ सामाजिक वातावरण में ही होता है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर— यह कथन नन का है।

प्रश्न 44, “व्यक्तित्व की व्याख्या सिर्फ सामाजिक सन्दर्भ में ही की जा सकती है ?'' यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन जे. एम. बाल्डिवन का है।
प्रश्न 45. जॉन ड्यूवी ने अपनी ‘डेमोक्रेसी एण्ड एजूकेशन' में अच्छे उद्देश्यों की कितनी कसौटियाँ बतायी हैं। 
उत्तर– तीन कसौटियाँ बतायी हैं।

प्रश्न 46. “शिक्षा एक अर्थपूर्ण एवं नैतिक प्रक्रिया है । अतः यह कल्पना ही नहीं की जा सकती कि यह उद्देश्यविहीन है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन रिवलिन का है।

प्रश्न 47. “समाज व्यक्ति से श्रेष्ठ है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन हेगले का है।


प्रश्न 48. प्राचीनकाल में शिक्षा का स्वरूप कैसा था ?
उत्तर–प्राचीनकाल में शिक्षा का स्वरूप वैयक्तिक था।

प्रश्न 49. “मैं व्यक्तिगत स्वतन्त्रता को महत्त्व देता हूँ परन्तु हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि मनुष्य आवश्यक रूप से एक सामाजिक प्राणी है ।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन महात्मा गाँधी का है।

प्रश्न 50. शिक्षा के वैयक्तिक उद्देश्यों के समर्थक हैं।
उत्तर–टी. पी. नन।।




प्रश्न 51. किसने कहा है-“सच्ची शिक्षा को बालक के लिए बेरोजगारी के विपरीत एक बीमे के रूप में होना चाहिए।'
उत्तर-  महात्मा गाँधी ने कहा।

प्रश्न 52. "व्यावसायिक प्रशिक्षण मानव के दृष्टिकोण को संकुचित करता है।" यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन वी. डी. भाटिया का है।

प्रश्न 53. किसने कहा है-"ज्ञान ही पवित्रता है।"
उत्तर–सुकरात ने कहा।



प्रश्न 54. यह कथन किसका है—“ज्ञान ही शक्ति है ।''
उत्तर—यह कथन अरस्तू का है।

प्रश्न 55. ज्ञान प्रगति है।" यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन सोफिस्टो का है।

प्रश्न 56. किसने बौद्धिक प्रशिक्षण के दो पक्ष बताये हैं।
उत्तर-  कमेनियस ने बताये हैं।



प्रश्न 57. “ज्ञान वह पंख है जिसकी सहायता से हम स्वर्ग की प्राप्ति कर सकते हैं।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन जॉन एडम्स का है।

प्रश्न 58 , “केवल ज्ञानी परमात्मा की पृथ्वी पर सबसे व्यर्थ का अभद्र मनुष्य होता है ।" यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन शेक्सपीयर का है।

प्रश्न 59. ज्ञान पर बल देने से विद्यालय ज्ञान की दुकान व शिक्षक सूचना विक्रेता बन जाते हैं। यह कथन किसका है ?
उत्तर- यह कथन वाइटहेड का है।

प्रश्न 60. “जिस व्यक्ति को सच्चा ज्ञान है, वह सदगुणी के सिवाय और कुछ नहीं हो सकता है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन एडम्स का है।
प्रश्न 61."जिस व्यक्ति को सच्चा ज्ञान है, वह सदगुणी के सिवाय और कुछ नहीं हो सकता है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर यह कथन सुकरात का है।



प्रश्न 62.“शिक्षा का उद्देश्य है अपने छात्रों को राज्य, देश व ईश्वर के प्रति वफादार बनाना।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर-यह कथन गाँधी जी का है।

प्रश्न 63. प्लेटो ने नागरिकों को कितनी श्रेणियों में विभक्त किया ?
उत्तर-  प्लेटो ने नागरिकों को तीन श्रेणियों में विभक्त किया।

प्रश्न64. “वह शिक्षा किस काम की जो कि भविष्य के लिए वर्तमान का बलिदान करती है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर- यह कथन रूसो का है।



प्रश्न 65, ‘‘मनुष्य की सबसे बड़ी आवश्यकता, सबसे बड़ा रक्षक चरित्र है, शिक्षा नहीं।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर यह कथन स्पेन्सर का है।

प्रश्न 66. “चरित्र की स्थापना करना विद्यालयी शिक्षा व अनुशासन का मुख्य उद्देश्य है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन जॉन ड्यूवी का है।

प्रश्न 67. “शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को अच्छे आचरण की शिक्षा देना है।" यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन हर्बर्ट स्पेन्सर का है।

प्रश्न 68. “नैतिकता सिखायी नहीं जा सकती किन्तु बीमारी की तरह उसे केवल पकड़ा जा सकता है।" यह कथन किसका है ?
उत्तर- यह कथन स्टारबक का है।।



प्रश्न 69, “शिक्षा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का संतुलित, स्वाभाविक व प्रगतिशील विकास है।'' यह कथन किसका है ?
उत्तर—यह कथन पेस्टालॉजी का है।

प्रश्न 70. यह कथन किसका है—“शिक्षा का उद्देश्य पूर्ण मानव विकास
उत्तर—यह कथन पेण्टर का है।



प्रश्न 71. आदर्शवाद के अनुसार किस जगत का महत्वपूर्ण स्थान है ?
उत्तर–आध्यात्मिक जगत का।

प्रश्न 72. आदर्शवाद के अनुसार ब्रह्माण्ड की रचना किस शक्ति से हुई
उत्तर-आध्यात्मिक शक्ति द्वारा।



प्रश्न 73. आत्मनिष्ठ आदर्शवाद के जनक कौन हैं ?
उत्तर - आत्मनिष्ठ आदर्शवाद के जनक बर्कले हैं।

प्रश्न 74. प्राचीन आदर्शवाद के जनक कौन हैं ?
उत्तर—प्राचीन आदर्शवाद के जनक काण्ट हैं।

प्रश्न 75. वस्तुनिष्ठ आदर्शवाद के जनक कौन हैं ?
उत्तर—वस्तुनिष्ठ आदर्शवाद के जनक हीगल हैं।





प्रश्न 76. नैतिक आदर्शवाद के जनक कौन हैं ?
उत्तर- नैतिक आदर्शवाद के जनक प्लेटो हैं।

प्रश्न 77. किस दार्शनिक ने सत्यम्, शिवम, सुन्दरम् का जीवन के शाश्वत मूल्यों या आदर्शों के रूप में व्यक्त किया है ?
उत्तर–प्लेटो ने व्यक्त है।

प्रश्न 78. आदर्शवादी दर्शन में वस्तु की अपेक्षा किसे महत्व दिया गया ?
उत्तर—विचारों को महत्व दिया गया है।

प्रश्न 79. प्रश्न शिक्षण विधि के जनक कौन हैं ?
उत्तर–प्रश्न शिक्षण विधि के जनक सुकरात हैं।

प्रश्न 80. संवाद विधि के जनक कौन हैं ?
उत्तर—संवाद विधि के जनक प्लेटो हैं।

प्रश्न 81. निगम एवं आगमन विधि के जनक कौन हैं ?
उत्तर—निगम एवं आगमन विधि के जनक अरस्तू हैं।


प्रश्न82. वाद-विवाद विधि के जनक कौन हैं ?
उत्तर - भारतीय आदर्शवादी दार्शनिक।

प्रश्न 83. निर्देशन विधि के जनक कौन हैं ?
उत्तर- निर्देशन विधि के जश्क हरबार्ट हैं।

प्रश्न 84. तर्क विधि के जनक कौन हैं ?
उत्तर—तर्क विधि के जनक हीगल हैं।

प्रश्न 85. खेल विधि के जनक कौन हैं ?
उत्तर– खेल विधि के जनक फ्रॉबेल हैं।

प्रश्न 86. अभ्यास एवं आवृत्ति विधि के जनक कौन है ?
उत्तर - अभ्यास एवं आवृत्ति विधि के जनक पेस्टालॉजी हैं।


प्रश्न 87. किस दार्शनिक ने कहा है, “अध्यापक सही चरित्र का आध्यात्मिक प्रतीक है।''
उत्तर–जेण्टील ने कहा है।

प्रश्न 88. आदर्शवादी शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर–आत्मानुभूति।
प्रश्न 89. आदर्शवादी शिक्षा की कितनी विधियाँ हैं ?
उत्तर–आदर्शवादी शिक्षा की आठ विधियाँ हैं।


प्रश्न 90. प्रकृतिवादियों का शिक्षा का आधार क्या है ?
उत्तर—मूल प्रवृत्तियाँ।

प्रश्न 91. प्रकृतिवाद ने सीखने की किस विधि को जन्म दिया ?
उत्तर–सुंरिस्टिक विधि।।


प्रश्न 92. प्रकृतिवाद ने ज्ञान प्राप्ति के लिए किसे आवश्यक माना है ?
उत्तर- ज्ञान के लिए इन्द्रियों की आवश्यकता।

प्रश्न 93. प्रकृतिवाद ने किसके महत्व को अस्वीकार किया है ?
उत्तर- आत्मा और परमात्मा के महत्व को अस्वीकार किया है।

प्रश्न 94. प्रकृतिवाद के कितने रूप बताये गये हैं ?
उत्तर–तीन रूप बताये हैं।


प्रश्न 95. प्रयोजनवाद किसे सर्वोच्च स्थान देता है ?
उत्तर–प्रयोजनवादी क्रिया को सर्वोच्च स्थान देता है।

प्रश्न 96. प्रयोजनवाद किस सत्ता को स्वीकार नहीं करता ? ।
उत्तर–प्रयोजनवाद ईश्वरीय सत्ता को स्वीकार नहीं करता है।

प्रश्न 97. प्रयोजनवाद के अनुसार किसी भी सिद्धान्त की कसौटी क्या
उत्तर–प्रयोजनवाद के अनुसार किसी भी सिद्धान्त की कसौटी उपयोगिता है।

प्रश्न 98. प्रयोजनवाद किस प्रकार के शासन पर बल देता है ?
उत्तर—प्रयोजनवाद प्रजातंत्रीय शासन पर बल देता है।


प्रश्न 99. प्रयोजनवाद के अनुसार शिक्षा कैसी प्रक्रिया है ?
उत्तर–प्रयोजनवाद के अनुसार शिक्षा निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है।

प्रश्न 100. किस दर्शन को अर्थ क्रियावाद, व्यवहारवाद, कारणवाद, अनुभववाद, प्रयोजनवाद के नाम से जाना जाता है ?
उत्तर–प्रयोजनवाद।

प्रश्न 101. किस दार्शनिक के अनुसार–‘‘प्रयोजनवाद मस्तिष्क का स्वभाव एक मनोवृत्ति है।'
उत्तर– जेम्स।

प्रश्न 102. प्रयोजनवाद के अनुसार सर्वोच्च सत्ता किसकी होती है ?
उत्तर–समाज।


प्रश्न 103. प्रयोजनवाद के अनुसार शिक्षा का स्वरूप कैसा होना चाहिए ?
उत्तर–व्यावहारिक।

प्रश्न 104. प्रयोजनवादी शिक्षा का मूल उद्देश्य क्या है ?
उत्तर—बालक का समाजीकरण।
प्रश्न 105. Projective Method' की खोज किसने की है ?
उत्तर-Projective Method' की खोज किलपैट्रिक ने की है।

प्रश्न 106. अनुशासन के चार तत्व किस दर्शन के बताये हैं ?
उत्तर–प्रयोजनवाद।

प्रश्न 107. ड्यूवी के अनुसार शिक्षा सामाजिक प्रक्रिया है। इसका साधन बताइए।
उत्तर - शिक्षा को सामाजिक प्रक्रिया मानता है । बालक की शिक्षा के लिए विद्यालय आवश्यक होता है । ड्यूवी इसे सामाजिक वातावरण कहता है।



प्रश्न 108. शिक्षा का एक उद्देश्य वातावरण के साथ अनुकूल करना है। इस सम्बन्ध में ड्यूवी के विचार लिखिए।
उत्तर- “शिक्षा की प्रक्रिया अनुकूलन की एक निरन्तर प्रक्रिया है जिसका प्रत्येक अवस्था में उद्देश्य विकास की बढ़ती हुई क्षमता प्रदान करना होता है।''

प्रश्न 109. फ्रॉबेल के अनुसार शिक्षा का प्रथम उद्देश्य क्या हैं ?
उत्तर–शिक्षा का प्रथम उद्देश्य शरीर और आत्मा को बन्धन से मुक्त करना है। इसके लिए शिक्षा का समुचित वातावरण तैयार किया जाना चाहिए।

प्रश्न 110. एन. सी. ई. आर. टी. ने कितने मूल्यों को स्वीकारा हैं ?
उत्तर–कुल 83 मूल्यों के सूचीबद्ध क्रिया है।

प्रश्न 111. घर का परिवार की मूल्यों के विकास में भूमिका बताइए।
उत्तर–घर को जीवन की शाश्वत पाठशाला कहा जाता है। बालक अपने पारिवारिक मूल्यों की अनुकृति है।


प्रश्न 112. बालक में मूल्यों के विकास हेतु कौन-से जन-संचार साधन हैं ?
उत्तर - आकाशवाणी, दूरदर्शन, टेपरिकॉर्डर, वी. सी. आर., समाचार-पत्र एवं पत्रिकाएँ जन-संचार साधन हैं।

प्रश्न 113. राष्ट्रीय एकता का अर्थ लिखिए।
उत्तर- राष्ट्रीय एकता का अर्थ है—देश के विभिन्न राज्यों के व्यक्तियों की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक तथा भाषा विषयक विभिन्नताओं को वांछनीय सीमा के अन्तर्गत रखना और समावेश करना।

प्रश्न 114, राष्ट्रीय एकता के लाभ बताइए।
उत्तर—भाषा के विकास में सहायक, भ्रष्टाचार का अन्त, स्वार्थपूर्ण भावनाओं का विकास, राष्ट्रीय संस्कृति तथा आर्थिक प्रगति में सहायक, सामाजिक प्रगति में सहायक, राजनैतिक एकता बनाये रखने में सहायोगी।



प्रश्न 115, अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना का अर्थ बताइए।
उत्तर–अन्तर्राष्ट्रीयता एक भावना है जो व्यक्ति को बताती है कि वह अपने राज्य का ही सदस्य नहीं है वरन् विश्व का नागरिक भी है।

प्रश्न 116. फ्रॉबेल ने किंडरगार्डन कब प्रारम्भ किया ?
उत्तर– फ्राबेल ने वर्ष 1805 में उसने शिक्षण कार्य आरम्भ किया। 1839 में उसने एक विद्यालय खोला जिसका नाम उसने बालोद्यान या किडरगार्डन रखा । वह कहता है, “हमें अपने बच्चों के लिए जीवित रहना चाहिए।"

प्रश्न 117. फ्रॉबेल के अनुसार शिक्षण के उद्देश्य बताइए।
उत्तर–“शिक्षण का उद्देश्य मनुष्य में निहित शक्तियों का निरन्तर विकास करना है, न कि उसको और अधिक ज्ञान प्रदान करना ।"

प्रश्न 118. फ्रॉबेल के अनुसार शिक्षा का द्वितीय उद्देश्य क्या है ?
उत्तर–शिक्षा का दूसरा उद्देश्य व्यक्ति को ऐसा बनाना है कि वह ईश्वर में स्थित सबको एकता पहचान ले । इसलिए वह कहता है कि शिक्षा का उद्देश्य तभी सफल हो सकता है जब बालक वस्तुओं में निहित आन्तरिक अविच्छिन्नता को समझ ले ।


|| कुछ महत्वपूर्ण लघुउत्तरी प्रश्न ||


प्रश्न 113. माण्टेसरी पद्धति की आत्मकथा सिद्धान्त क्या है ?
उत्तर- मॉण्टेसरी का कथन है "बालक एक शरीर है जो बढ़ता है, एक आत्मा है जो विकसित होती है। विकास के इन दोनों स्वरूपों को न हमें कुरूप बनाना चाहिए और न ही उन्हें दबाना चाहिए । परन्तु उस समय की प्रतीक्षा करनी चाहिए जब किसी शक्ति का क्रम के अनुसार विकास हो ।'

प्रश्न 114. माण्टेसरी पद्धति के अनुसार ज्ञानेन्द्रियाँ का प्रशिक्षण सिद्धान्त क्या है ?
उत्तर–मॉण्टेसरी कहती है, "7 वर्ष की आयु तक बालकों की इन्द्रियाँ विशेष रूप से क्रियाशील होती हैं, अत: इस अवस्था में ही उसकी ज्ञानेन्द्रियों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।"


प्रश्न 115. माण्टेसरी पद्धति का व्यक्तित्व के विकास में सिद्धान्त बताइए।
उत्तर - मॉण्टेसरी का कथन है, "बालक के व्यक्तित्व का आदर किया जाना चाहिए । उनकी अवहेलना या उपेक्षा करना उचित नहीं है।' बालकों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए जिससे उसकी भावनाओं को ठेस लगे । विद्यालय का वातावरण स्वतन्त्र होना चाहिए।'

प्रश्न 116. माण्टेसरी पद्धति में लिखना कैसे सिखाया जाता है ?
उत्तर–मॉण्टेसरी पद्धति में जब बालक को लिखना सिखाया जाता है तो उससे तीन कार्य करवाये जाते हैं
1. लेखनी पकड़ने का अभ्यास,
2. अक्षरों के स्वरूप का ज्ञान कराना, 
3. अक्षरों का उच्चारण ।



प्रश्न 117. माण्टेसरी पद्धति के अनुसार पढ़ना कैसे सिखाया जाता है ?
उत्तर–मॉण्टेसरी पद्धति में जब बालक को पढ़ना सिखाने के लिए शिक्षिक किसी परिचित वस्तु को मेज पर रख देती है और श्यापट्ट पर उसका नाम लिख देती है। फिर बालक को उस शब्द को बार-बार पढ़ाया जाता है । शब्दों का पढ़ना आ जाने के पश्चात् बालक को वाक्य पढ़ना सिखाया जाता है ।

प्रश्न 118. शिक्षा तथा समाज में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर-व्यक्ति जिस समाज में रहता है, उसी समाज की परिस्थितियों के अनुसार उसकी शिक्षा का प्रबन्ध किया जाना चाहिए । शिक्षा का प्रबन्ध इस प्रकार किया जाना चाहिए कि व्यक्ति अपने समाज की आवश्यकताओं को पूरा कर सके ।



प्रश्न 119. शिक्षा द्वारा समाज का विकास किस प्रकार सम्भव है ?
उत्तर - शिक्षा समाज के विकास का कार्य करती है । अत: यदि किसी समाज का विकास किया जाना हो तो वहाँ शिक्षा की उत्तम व्यवस्था की जानी चाहिए । शिक्षा का एक कार्य यह है कि यह मनुष्यों को यह सिखाए कि व्यक्तिगत हितों की अपेक्षा सार्वजनिक हितों को प्रधानता दी जानी चाहिए

प्रश्न 120. समाज का प्रमुख शैक्षिक कार्य लिखिए।
उत्तर–समाज बालकों के लिए शिक्षा संस्थानों की स्थापना करता है । उन संस्थाओं को चलाने के लिए उनकी वित्तीय सहायता करता है ।



प्रश्न 121. समाज शारीरिक विकास के लिए क्या करता है ?
उत्तर–समाज अपने सदस्यों के शारीरिक विकास के लिए खेलकूद के साधनों का प्रबन्ध करता है। समाज बालकों के व्यायाम के लिए व्यायामशालाओं का निर्माण करता है।

प्रश्न 122. परिवार द्वारा शारीरिक विकास के साधन बताए ।
उत्तर–घर पर ही मनुष्य के शारीरिक विकास की नींव पड़ती है इसके लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए-हवादार घर, भोजन, वस्त्र, व्यायाम और आराम, व्यक्तिगत स्वच्छता आदि।



प्रश्न 123. परिवार द्वारा बालक के शैक्षिक विकास की व्यवस्था किस प्रकार करनी चाहिए?
उत्तर-परिवार को बच्चे के शारीरिक विकास के साथ साथ उसके बौद्धिक विकास का भी ध्यान रखना चाहिए । बौद्धिक विकास से सम्बन्धित खिलौने पहेली वाक्स, चित्र पहेलियाँ, शिक्षाप्रद कहानियों की पुस्तकों आदि की व्यवस्था करनी
चाहिए।

प्रश्न 124. घर को बालोपयोगी कैसे बनाया जाना चाहिए ?
उत्तर - इस सम्बन्ध में गिजु भाई का कथन देखिए हमारे घरों में ऐसी खूटियाँ कहाँ हैं कि जिन तक बालक के हाथ पहुँच सकें। हमारे घरों में टॅगी बढ़िया तस्वीर बहुत ऊँचाई पर टॅगी होती है। उनकी तरफ हमारा अपना ध्यान ही बहुत कम जाता है। ऐसी स्थिति में उनका बालकों के लिए क्या उपयोग रह जाता है।"



प्रश्न 125. व्यक्ति और समाज का सम्बन्ध बताइए।
उत्तर–व्यक्ति और समाज का परस्पर घनिष्ट सम्बन्ध है। यद्यपि यह सत्य है कि व्यक्ति समाज को प्रभावित करता है किन्तु वह स्वयं भी समाज से प्रभावित होता है । जन्म लेते ही वह समाज के प्रभाव से आने लगता है ।।

प्रश्न 120. कोठारी आयोग ने शैक्षिक विद्यालयों के सम्बन्ध में क्या लिखा है ?
उत्तर - कभी कभी इस बात की ओर पूरी तरह ध्यान नहीं दिया जाता है कि इस समय देश के विभिन्न भागों के शैक्षिक विकासों में भारी असन्तुलन मौजूद है। एक राज्य और दूसरे राज्य के विकासों में भारी अन्तर दिखायी देता है और एक जिले तथा दूसरे जिले के विकास में बड़ा अन्तर दिखायी देता है।



प्रश्न 127. शैक्षिक विषमता का एक कारण निर्धनता भी है। कैसे ?
उत्तर-  शिक्षा के अवसरों की विषमता का एक और कारण यह है कि जनसंख्या का एक बहुत बड़ा भाग निर्धन और बहुत थोड़ा भाग धनी है । एक निर्धन व्यक्ति का बालक किसी शैक्षणिक संस्था के निकट होते हुए भी वह अवसर प्राप्त नहीं कर पाता जो एक धनी व्यक्ति के बालक को शिक्षा संस्था के दूर होने पर भी मिल जाता है।

प्रश्न 128. शिक्षा को व्यावसायीकरण की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर–जनता एवं देश की खुशहाली तभी पूरी हो सकेगी, जबकि हमारी शिक्षा प्रणाली इस प्रकार हो कि वह कुशल एवं व्यावहारिक नागरिकों का निर्माण करें। पढ़े-लिखे बेकार नागरिकों का नहीं।



प्रश्न 129. बचपन छीनता बालश्रम पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर–सरकार ने तथा संविधान ने ऐसी व्यवस्था की है कि वे नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर सकें इसी आधार पर नि:शुल्क तथा अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाए गये हैं किन्तु निश्चित रूप से पारिवारिक स्थिति अनिवार्य बाल शिक्षा में बाधक है । पारिवारिक परिस्थितियाँ बाल श्रम को विवश करती हैं, बाल श्रम के कारण बचपन छिन जाता है जिस उम्र में उन्हें पुष्प के समान विकसित होना
चाहिए उस उम्र में बाल श्रम के कारण उनकी इच्छाएँ, मनोकामनाएँ समाप्त हो जाती हैं और बच्चों का बचपन छिन जाता है ।

प्रश्न 130. जनसंख्या शिक्षा का अर्थ लिखिए।
उत्तर–जनसंख्या में अबाध गति से वृद्धि के परिणामस्वरूप मानव जीवन के आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक तथा सांस्कृतिक पक्षों पर पड़ने वाले कुप्रभावों के प्रति जागरूक तथा सम्बद्ध समाधानों के विषय में वैचारिक क्रान्ति की शैक्षिक व्यवस्था ही जनसंख्या शिक्षा कहलाती है।



प्रश्न 131. जनसंख्या शिक्षा की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर-जनसंख्या शिक्षा की आवश्यकता निम्नलिखित कारण
1. राष्ट्रीय प्रगति के लिए, 2, आर्थिक विकास के लिए, 3. मानव संसाधन कुशलता के लिए, 4, परिवार नियन्त्रण कार्यक्रमों की सफलता के लिए, 5. परिवार नियोजन के लिए, 6. योजनाओं की सफलता के लिए।


|| वर्तमान भारतीय समाज और प्रारम्भिक शिक्षा || 

|| महत्वपूर्ण  लघु उत्तरीय प्रश्न || Part - 1 ||

|| महत्वपूर्ण  बहुविकल्पीय प्रश्न || Part - 2 ||

Click Here

1 comment:

Give your valuable comments. Your Comments is very important for us. ❤ Thank You..❤