Apadaan Karak - अपादान कारक "पंचमी विभक्ति" की परिभाषा, चिन्ह, उदाहरण |
Apadan Karak |
अपादान कारक की परिभाषा
परिभाषा- संज्ञा के जिस रूप से एक वस्तु का दूसरी से अलग होना पाया
जाए, वह अपादान कारक कहलाता है। अथवा
कर्त्ता अपनी क्रिया द्वारा जिससे अलग होता है, उसे अपादान कारक कहते
हैं।
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अपादान कारक का विभक्ति-चिह्न
‘से, अलग होने के लिए’
है। इसके अलावा याद रखने और समझने वाली बात यह हैं कि 'से' चिन्ह
करण कारक का भी होता है |
लेकिन करण कारक में इसका मतलब
साधन से होता है।
जबकि अपादान कारक में से का मतलब किसी चीज़
से अलग होना दिखाने के लिए
प्रयुक्त होता है।
उदाहरण -
- पेड़ से आम गिरा। - इस वाक्य में ‘पेड़’ अपादान है, क्योंकि आम पेड़ से गिरा अर्थात अलग हुआ है।
- बच्चा छत से गिर पड़ा। - इस वाक्य में ‘छत से’ गिरने में अलग होना प्रकट होता है। अतः छत से अपादान कारक हैं।
- संगीता घर से चल पड़ी। - इस वाक्य में घर ‘से’ गिरने में अलग होना प्रकट होता है। अतः घर से अपादान कारक हैं।
अपादान कारक (पंचमी विभक्ति) के सूत्र
विषय - संस्कृत
1. सूत्र - [ध्रुवमपायेऽपादानम्]
अपाये - अलग होना, के अर्थ में जो ध्रुव हो अर्थात जिससे कोई वस्तु पृथक हो रही हो उसमें पंचमी विभक्ति अर्थात अपादान कारक होता है |
अपाये - अलग होना, के अर्थ में जो ध्रुव हो अर्थात जिससे कोई वस्तु पृथक हो रही हो उसमें पंचमी विभक्ति अर्थात अपादान कारक होता है |
जैसे- वृक्षात् पत्राणि पतन्ति ।
वृक्ष से पत्ते गिरते हैं।
2. सूत्र - [अपादाने पञ्चमी]
अपादान कारक में पंचमी विभक्ति होती है।
अपादान कारक में पंचमी विभक्ति होती है।
जैसे- संजीवः ग्रामात् आगच्छति । संजीव गाँव से आता है।
3. सूत्र - [भीत्रार्थानां भयहेतुः]
'भी' और 'त्रा' धातु के योग में जिसमें भय हो या जिससे रक्षा की जाय उसमें पंचमी
विभक्ति होती है।
जैसे-
प्रखरः सर्पात, विभेति।
प्रखर साँप से डरता है।
अयं चौरा त्रायते। यह चोर से बचाता है।
अयं चौरा त्रायते। यह चोर से बचाता है।
4. सूत्र - [जुगुप्साविरामप्रमादार्थानाम् उपसंख्यानम्]
जिससे जुगुप्सा (घृणा) हो या जिससे विराम(रुकना) हो या जिसमें प्रमाद (आलस्य) हो,
उसमें पंचमी विभक्ति होती है।
जैसे-
स: पापात् जुगुप्सते । वह पाप से घृणा करती है।
स: पापात् जुगुप्सते । वह पाप से घृणा करती है।
सः पठनात् प्रमाद्यति । वह पढने में आलस करती है।
4. सूत्र - [ल्यब्लोपे पञ्चमी]
ल्यपू-प्रत्ययान्त शब्द यदि वाक्य में छिपा हो तो कर्म या अधिकरण कारक में
पंचमी विभक्ति होती है।
जैसे-
सः प्रासादात् पश्यति। वह प्रासाद से देखता है। यानी वह प्रासाद (महल) पर चढ़कर देखता है।
श्वशुरात् जिहेति वधूः। ससुर से वधू लजाती है।
आसनात् पश्यति। आसन से देखते हैं।
सः प्रासादात् पश्यति। वह प्रासाद से देखता है। यानी वह प्रासाद (महल) पर चढ़कर देखता है।
श्वशुरात् जिहेति वधूः। ससुर से वधू लजाती है।
आसनात् पश्यति। आसन से देखते हैं।
5. सूत्र - [आख्यातोपयोगे पंचमी]
जिससे नियमपूर्वक विद्या पढ़ी जाय या कुछ सीखा जाय, उसमें पंचमी विभक्ति होती है।
जैसे-
सः आचार्यात् संस्कृतम् अधीते। वह आचार्य से संस्कृत पढ़ता है।
सः आचार्यात् संस्कृतम् अधीते। वह आचार्य से संस्कृत पढ़ता है।
6. सूत्र - [भुवः प्रभवश्च]
‘भू' धातु के योग में जहाँ से कोई चीज निकलती या उत्पन्न होती हो, उसमें
पंचमी विभक्ति होती है।
जैसे-
गङ्गा हिमालयात् प्रभवति। गंगा हिमालय से निकलती है।
बिलात सर्पः प्रभवति। साँप बिल से निकलता है।
गङ्गा हिमालयात् प्रभवति। गंगा हिमालय से निकलती है।
बिलात सर्पः प्रभवति। साँप बिल से निकलता है।
7. सूत्र - [बहिर्योग पञ्चमी]
बहिः (बाहर) के योग में पञ्चमी विभक्ति होती है।
जैसे-
ग्रामात् बहिः सरः वर्तते। गाँव से बाहर तालाब है।
नगरात् बहिः मन्दिरं वर्तते। नगर के बाहर मन्दिर है।
ग्रामात् बहिः सरः वर्तते। गाँव से बाहर तालाब है।
नगरात् बहिः मन्दिरं वर्तते। नगर के बाहर मन्दिर है।
8. सूत्र - [आमर्यादाभिविध्योः]
तेन बिना, मर्यादा, व्याप्ति इन अर्थों में 'आ' उपसर्ग के योग में पंचमी
विभक्ति होती है।
जैसे-
सः आग्रमात् गच्छति। वह गाँव तक जाता है।
आकैलासात् राजहंसाः सहायाः। कैलाश तक राजहंस सहायक होंगे।
सः आग्रमात् गच्छति। वह गाँव तक जाता है।
आकैलासात् राजहंसाः सहायाः। कैलाश तक राजहंस सहायक होंगे।
9. सूत्र - [अपेक्षार्थे पञ्चमी]
तुलना में जिससे श्रेष्ठ बताया जाय उसमें पंचमी विभक्ति होती
है।
जैसे-
धनात् विद्या गरीयसी। धन से विद्या महान् है।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।
धनात् विद्या गरीयसी। धन से विद्या महान् है।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।
अपादान कारक के हिंदी उदाहरण
विषय- हिन्दी
- मुझे शेर से दर लगता है।
- राहुल सीढ़ियों से गिर गया।
- शेर मांद से बाहर निकला।
- सूर्य पृथ्वी से बहुत दूर है।
- आसमान से बिजली गिरती है।
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