अव्यय – परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण, Avyay in Hindi
अव्यय: अव्यय हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हिंदी व्याकरण को सही ढंग से समझने के लिए अव्यय को समझना भी आवश्यक होता है। हमारे आज के इस ब्लॉग में अव्यय को विस्तार से समझाया गया है।
अव्यय सदैव अपरिवर्तित, अविकारी होते हैं इस कारण ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है।
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अव्यय की परिभाषा:
ऐसे शब्द जिसमें लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल आदि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता वह शब्द अव्यय कहलाते हैं।अव्यय सदैव अपरिवर्तित, अविकारी होते हैं इस कारण ऐसे शब्द हर स्थिति में अपने मूलरूप में बने रहते है।
हिंदी के अव्यय -
जब, तब, अभी, उधर, वहाँ, इधर, कब, क्यों, वाह, आह, ठीक, अरे, और, तथा, एवं, किन्तु, परन्तु, बल्कि, इसलिए, अतः, अतएव, चूँकि, अवश्य इत्यादि।
संस्कृत के अव्यय -
अद्य (आज), ह्यः (बीता हुआ कल), श्वः (आने वाला कल), परश्वः (परसों), अत्र (यहां), तत्र (वहां), कुत्र (कहां), सर्वत्र (सब जगह), यथा (जैसे), तथा (तैसे), कथम् (कैसे), सदा (हमेशा), कदा (कब), यदा (जब), तदा (तब), अधुना (अब), कदापि (कभी भी), पुनः (फिर), च (और), न (नहीं), तु (लेकिन (तो)), शीघ्रम् (जल्दी), शनैः (धीरे), सह (साथ), किम् (कहा), कुतः (कहाँ से), नमः (नमस्कार)आदि।
हिंदी अव्यय के उदाहरण:
- वे लोग यहाँ से चले गये।
- हिरन तेज दौड़ता है।
- अब खेलना बंद करो।
- बच्चे धीरे-धीरे चल रहे थे।
- मोहन नीचे खेलने जाता है।
- किताब वहाँ रखी है।
- तुम्हें प्रतिदिन पढ़ता है।
- मीरा सुंदर दिखती है।
- मैं बहुत थक गया हूँ।
- वह अपना काम कर रहा है ।
- मैं नित्य नहाता है।
अव्यय के भेद:
अव्यय शब्दों के मुख्य तक पांच भेद होते हैं:- क्रिया विशेषण अव्यय
- संबंधबोधक अव्यय
- समुच्चयबोधक अव्यय
- विस्मयादिबोधक अव्यय
- निपातअव्यय
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