UPTET Child Development and Teaching Methods.
UPTET Child Development and Teaching Methods |
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1. बाल विकास और शिक्षण विधियां Primary Level (1 से 5 Class) [30 प्रश्न]
(क) बाल विकास (कक्षा 1 से 5, 6 से 11 आयु समूह के लिए प्रासंगिक) [15 प्रश्न]
• विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ उसका सम्बन्ध
• बालकों के विकास के सिद्धांत
• आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
• सामाजिकीकरण प्रक्रियाएं: सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण)
• पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोट्स्की: निर्माण और विवेचित संदर्श
• बाल-केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं
• बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श
• बहु-आयामी बौद्धिकता
• भाषा और चिंतन समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं. लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार
• शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझाना
• अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम का मूल्यांकन के बीच अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन,
• सतत एवं व्यापक मूल्यांकन: संदर्श और व्यवहार
• शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए; कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना।
• बालकों के विकास के सिद्धांत
• आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
• सामाजिकीकरण प्रक्रियाएं: सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण)
• पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोट्स्की: निर्माण और विवेचित संदर्श
• बाल-केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं
• बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श
• बहु-आयामी बौद्धिकता
• भाषा और चिंतन समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं. लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार
• शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझाना
• अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम का मूल्यांकन के बीच अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन,
• सतत एवं व्यापक मूल्यांकन: संदर्श और व्यवहार
• शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए; कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना।
(ख) समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना [5 प्रश्न]
• गैर-लाभप्राप्त और अवसर-वंचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न पृश्ठभूमियों से आए शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
• अधिगम संबंधी समस्याएं, कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना।
• मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
• अधिगम संबंधी समस्याएं, कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना।
• मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
(ग) अधिगम और अध्यापन [10 प्रश्न]
• अधिगम (सिखने) का अर्थ प्रभावित करने वाले कारक, अधिगम की प्रभावशाली विधियां।• अधिगम के नियम – थार्नडाइक के सिखने के मुख्य नियम एंव अधिगम में उनका महत्तव।
• अधिगम के प्रमुख सिद्धांत तथा शक्षिण में इनकी व्यावहारिक उपयोगिता, थार्नडाइक का प्रयास एंव त्रुटि का सिद्धांत, कोहलर का सूझ या अंतर्दृष्टि का सिद्धांत, प्याजे का सिद्धांत, व्योगास्की का सिद्धांत सीखने का वक्र – अर्थ एंव प्रकार, सीखने में पठान का अर्थ और कारण एंव निराकरण।
• बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं, बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों असफल होते हैं।
• अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं, बालकों की अधिगम कार्यनीतियां सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगमः अधिगम के सामाजिक संदर्भ ।
• एक समस्या समाधानकर्ता और एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बालक।
• बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना, अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना। बोध और संवेदनाएं प्रेरणा और अधिगम
• अधिगम में योगदान देने वाले कारक - निजी एवं पर्यावरणीय।
2. बाल विकास और अध्यापन Junior Level (6 से 8 Class) [30 प्रश्न]
(क) बाल विकास (कक्षा 6 से 8, 11 से 14 आयु समूह के लिए प्रासंगिक) [15 प्रश्न]
• विकास की अवस्था तथा अधिगम से उसका संबंध• बालक के विकास के सिद्धांत ।
• आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव सामाजिकीकरण दबाव: सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण)
• पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोट्स्की : निर्माण और विवेचित संदर्श
• बाल-केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं
• बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श
• बहु-आयामी बौद्धिकता
• भाषा और चिंतन
• समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं. लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझना। • अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम के मूल्यांकन के बीच अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन, सतत एवं व्यापक मूल्यांकन : संदर्श और व्यवहार
• शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए, कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना।
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