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संस्कृत - बहुविकल्पीय प्रश्न - [ Part - 1] बी.टी.सी "तृतीय सेमेस्टर" 2020 |

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बहुविकल्पीय प्रश्न


1. यद्यपि का सन्धि-विच्छेद है-
(अ) यदि + अपि
(ब) यद + अपि
(स) आदि + अपि
(द) इनमें से कोई नहीं।


2. तथैव में सन्धि है-
(अ) वृद्धि सन्धि
(ब) यण सन्धि
(स) गुण सन्धि
(द) अयादि सन्धि।


3. पवनः का सन्धि विच्छेद है-
(अ) पो + अनः
(ब) पौ + अनः
(स) पा + अनः
(द) सभी।


4. रवीन्द्र में सन्धि है-
(अ) दीर्घ स्वर सन्धि
(ब) यण सन्धि
(स) गुण सन्धि
(द) वृद्धि सन्धि।

5. देवेन्द्र में सन्धि है-
(अ) गुण सन्धि
(ब) यण सन्धि
(स) अयादि सन्धि
(द) वृद्धि सन्धि।

6. इकोयणचि किस सन्धि का सूत्र है ?
(अ) गुण सन्धि
(ब) यण सन्धि
(स) अयादि सन्धि
(द) इनमें से कोई नहीं।


7. आद गुण: किस सन्धि का सूत्र है ?
(अ) गुण सन्धि
(ब) यण सन्धि
(स) अयादि सन्धि
(द) दीर्घ सन्धि।

8. क वर्ग का उच्चारण स्थान है-
(अ) कण्ठ
(ब) तालु
(स) दन्त
(द) ओष्ठ।

9. सः पादेन खंजः अस्ति वाक्य में पादेन किस विभक्ति का है ?
(अ) तृतीया
(ब) चतुर्थी
(स) पंचमी
(द) सप्तमी।


10. यथाशक्तिः में कौन-सा समास है ?
(अ) अव्ययीभाव
(ब) द्विगु
(स) द्वन्द्व
(द) तत्पुरुष।




11. कृष्ण सर्पः में कौन-सा समास है ?
(अ) अव्ययीभाव
(ब) कर्मधारय
(स) द्विगु
(द) बहुव्रीहि।

12. पीताम्बर में कौन-सा समास है ?
(अ) अव्ययीभाव
(ब) बहुव्रीहि
(स) द्विगु
(द) द्वन्द्व।

13. पितरौ में कौन-सा समास है ?
(अ) तत्पुरुष
(ब) द्वन्द्व
(स) बहुव्रीहि
(द) सभी।


14. चतुर्मुखः में कौन-सा समास है ?
(अ) द्वन्द्व
(ब) द्विगु
(स) तत्पुरुष
(द) बहुव्रीहि।

15. पंचवटी में कौन-सा समास है ?
(अ) द्विगु
(ब) द्वन्द्व
(स) कर्मधारय
(द) बहुव्रीहि।



16. नायकः में कौन-सी सन्धि है ?
(अ) अयादि सन्धि
(ब) गुण सन्धि
(स) वृद्धि सन्धि
(द) यण सन्धि।


17. माहेश्वर सूत्रों की संख्या है-
(अ) 8
(ब) 10
(स) 12
(द) 14.

18. संस्कृत में कितने कारक हैं ?
(अ) 6
(ब) 7
(स) 8
(द) 9.

19. हिन्दी में कितने कारक होते हैं ?
(अ)7
(ब) 8
(स) 9
(द) 10


20. वर्ण के भेद होते हैं-
(अ)2
(ब) 3
(स)4
(द) 6.
उत्तर—(अ)

21. स्वर को कहते हैं-
(अ) अच्
(ब) हल्
(स) यण
(द) इक।

22. व्यंजन को कहते हैं-
(अ) अच्
(ब) हल
(स) यण
(द) इकं

23. व्यंजन के कितने भेद होते हैं ?
(अ)3
(ब) 4
(स) 5
(द) 6.


24. व्यंजन के भेद हैं-
(अ) स्पर्श
(ब) अन्तःस्थ
(स) ऊष्म
(द) सभी।

25. अन्तःस्थ व्यंजन है-
(अ) य, र, ल, व्
(ब) ट वर्ग
(स) क वर्ग
(द) श्, ष, स, ह।



26. ऊष्म व्यंजन है-
(अ) श्
(ब) प्
(स) स्, ह
(द) सभी।


27. 'क' का सही रूप है-
(अ) क् + अ
(ब) क + अ
(स) क् + अ
(द) कोई नहीं।


28. क् + ष के मिलने से बनता है-
(अ) र
(ब) ज्ञ
(स) श
(द) क्ष।


29. श्री गणेशाय नमः में गणेशाय किस विभक्ति का है ?
(अ) तृतीया
(ब) चतुर्थी
(स) पंचमी
(द) षष्ठी।



30. शिष्यः गुरुणा सह गच्छति में गुरुणा किस विभक्ति का है ?
(अ) द्वितीया
(ब) तृतीय
(स) पंचमी
(द) षष्ठी


32. जीवेषु मानवाः श्रेष्ठाः वाक्य में जीवेषु किस विभक्ति का है ?
(अ) सप्तमी
(ब) तृतीया
'(स) पंचमी
(द) षष्ठी ।


33. 'भगवती भारती भारते मातु सर्वथा' में अलंकार है-
(अ) अनुप्रास
(ब) यमक
(स) रूपक
(द) उत्प्रेक्षा।



34. ऊष्म व्यंजन हैं-
(अ) य, र, ल, व
(ब) क्ष, त्र, ज्ञ
(स) श, ष, स, ह
(द) कोई नहीं।


35. संयुक्त व्यंजन हैं-
(अ) क्ष
(ब) त्र
(स) ज्ञ
(द) सभी।


36. ज् + अ के योग से बनता है-
(अ) ज्ञ
(ब) त्र
(स) क्ष + ह
(द) तीन।



37. वंश, हंस, अंग में जो बिन्दु लगा है, उसे कहते हैं-
(अ) विसर्ग
(ब) अनुस्वार
(स) अनुनासिक
(द) हलन्त।


38. वर्गों के समूह को कहते हैं-
(अ) स्वर
(ब) वर्णमाला
(स) ध्वनि
(द) गीत।


39. स्वर के कितने भेद हैं ?
(अ) तीन
(ब) चार
(स) छः
(द) सात।



40. व्यंजन के कितने भेद हैं ?
(अ) एक
(ब) दो
(स) चार
(द) तीन।


41. अन्तःस्थ व्यंजन हैं-
(अ) य, र, ल, व
(ब) क, ख, ग
(स) श, ष, स, ह
(द) ण।


42. यद्यपि, इत्यादि, पित्राज्ञा में सन्धि बताइए-
(अ) यण् सन्धि
(ब) गुण सन्धि
(स) अयादि सन्धि
(द) वृद्धि सन्धि।


43. नायकः का सन्धि-विच्छेद बताइए-
(अ) नै + अकः
(ब) ना + अकः
(स) न + अक:
(द) नै + आक।



44. पंचवटी, त्रिलोकी, नवरात्रम्, चतुर्मुखः में समास है-
(अ) द्वन्द्व समास
(ब) द्विगु समास
(स) बहुव्रीहि समास
(द) कर्मधारय समास।


45. पीताम्बर , नीलकंठ , दशानन, चन्द्रशेखर में समास है |
(अ) बहुव्रीहि समास
(ब) द्विगु समास
(स) द्वन्द्व समास
(द) कर्मधारय समास।


46. वृक्षात् पत्राणि पतन्ति में वृक्षात् पद में कारक है-
(अ) अपादान
(ब) सम्प्रदान
(स) कर्ता
(द) कर्म।


47. एकोनविंशति का अर्थ है-
(अ) बारह
(ब) बीस
(स) चालीस
(द) उन्नीस।
उत्तर (द)



48. संस्कृत में कारक हैं-
(अ) पाँच
(ब) दो
(स) चार
(द) छ:।


49. विप्राय गां ददादि में कारक है-
(अ) कर्ता
(ब) करण
(स) सम्प्रदान
(द) अपादान।


50. त्रिंशत का अर्थ है-
(अ) तीस
(ब) चालीस
(स) तेईस
(द) तेरह।



51. गत्वा पद का प्रकृति प्रत्यय है-
(अ) गम् + क्त्वा
(ब) गम् + तुमुन्
(स) गम् + शत्
(द) गम् शानच् ।


52. गमनम् में प्रयुक्त प्रकृति एवं प्रत्यय है-
(अ) गम् + ल्युट्
(ब) गम् + युच्
(स) गम् अन्
(द) त्यज् + ल्यप्।


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