संज्ञा की परिभाषा एवं उसके प्रकार |
संज्ञा
परिभाषा- किसी, व्यकित, स्थान,भाव एवं अवस्था के नाम को संज्ञा कहते हैं |
अथवा
परिभाषा- वे शब्द जिनसे व्यक्ति, जाति, अवस्था, स्थान, तथा वस्तु इत्यादि के नाम का बोध होता है उसे संज्ञा कहते हैं |
जैसे- राम, पुस्तक,लखनऊ आदि|
संज्ञा के प्रकार
- व्यक्ति वाचक संज्ञा
- समूह वाचक संज्ञा
- जाति वाचक संज्ञा
- द्रव्य वाचक संज्ञा
- भाव वाचक संज्ञा
संज्ञा के प्रकारों की परिभाषाएं
- व्यक्ति वाचक संज्ञा - वे शब्द जिनसे एक ही व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध होता है उन्हें व्यक्ति वाचक संज्ञा कहते हैं | जैसे- राम , रामायण , अयोध्या आदि|
- समूह वाचक संज्ञा- वे शब्द जिनसे एक ही जाति के समुदाय या समूह का बोध होता हैं उन्हें समूह वाचक संज्ञा कहते हैं | जैसे- सेना, संघ, दल आदि|
- जाति वाचक संज्ञा- वे शब्द से किसी व्यक्ति,वस्तु,स्थान की संपूर्ण जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - गाँव, गाय, बकरी, मनुष्य आदि|
- द्रव्य बाचक संज्ञा- वे पदार्थ द्रव्य कहलाते है जिन्हें नाप-तोल तो सकते हैं परन्तु गिन नही सकते | जैसे- सोना, चांदी, लोहा आदि|
- भाव वाचक संज्ञा- वे शब्द जिनसे किसी वस्तु के गुण, दोष, दशा, अवस्था आदि का बोध होता है| उसे भाव वाचक संज्ञा कहते हैं | जैसे- मिठास, खटास, अमीरी, बुढ़ापा, उतार,चढाव आदि|
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संज्ञा की परिभाषा एवं उसके प्रकार
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