समास की परिभाषा एवं उसके प्रकार | (Samas ki paribhasha evam uske Prakar in Hindi )
samas evam uske prakar |
समास की परिभाषा
परिभाषा- दो या दो से अधिक शब्दों को मिलाकर एक शब्द बनाने की प्रक्रिया को समास कहते हैं|
जैसे- माखनचोर, माता-पिता |
समास के प्रकार
- अव्ययी भाव समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वंद्व समास
- बहुब्रीहि समास
समास के प्रकारों की परिभाषाएं
1-अव्ययी भाव समास-
परिभाषा- जिस समास में प्रथम पद प्रधान होता हैं और समस्त पद का रूप किसी भी लिंग, वचन आदि के कारण नही बदलता हैं|
जैसे- यथामति, बेमतलब, अनुरूप, प्रतिदिन |
Note- जहां एक ही शब्द की बार-बार आवृत्ति हो |
जैसे- दिनोंदिन, रातोंरात |
अव्यवी भाव समास के कुछ अन्य उदाहरण = 1. आजन्म - जन्म पर्यन्त
2. यथावधि - अवधि के अनुसार
3. यथाक्रम : क्रम के अनुसार
4. यथानाम: नाम के अनुसार
5. प्रतिपल: पल-पल
... 6. प्रत्येक: हर एक
7. आजीवन: जीवन भर
8. आमरण: मृत्यु तक
9. निडर: बिना डर के
10. हरघडी: घडी-घडी
11. प्रतिमास : प्रत्येक मास
12. हाथों हाथ : एक हाथ से दुसरे हाथ
13. सहसा: एक दम से
14. अकारण: बिना कारण के
15. धड़ाधड़: जल्दी से
16. बेरहम: बिना रहम के
17. बकायदा: कायदे के साथ
18. बेकाम: बिना काम का
19. अध्यात्म : आत्मा से सम्बंधित
20. यथासमय: समय के अनुसार
21. यथारुचि : रूचि के अनुसार
22. प्रतिवर्ष : प्रत्येक वर्ष
23. प्रतिसप्ताह : प्रत्येक सप्ताह
24. निस्संदेह : बिना संदेह के
25. बेशक: बिना शक के
26. बेनाम: बिना नाम के
27. बेकाम: बिना काम के
28. बेलगाम: लगाम के बिना
29. भरपेट: पेट भर कर
30. भरपूर: पूरा भर के
31. रातभर: पूरी रात
32. दिनभर: पूरे दिन
33. रातोंरात : रात ही रात में
34. हाथोंहाथ : एक हाथ से दुसरे हाथ में
35. घडी-घडी: हर घडी
36. साफ़-साफ़ : बिलकुल स्पष्ट
2. यथावधि - अवधि के अनुसार
3. यथाक्रम : क्रम के अनुसार
4. यथानाम: नाम के अनुसार
5. प्रतिपल: पल-पल
... 6. प्रत्येक: हर एक
7. आजीवन: जीवन भर
8. आमरण: मृत्यु तक
9. निडर: बिना डर के
10. हरघडी: घडी-घडी
11. प्रतिमास : प्रत्येक मास
12. हाथों हाथ : एक हाथ से दुसरे हाथ
13. सहसा: एक दम से
14. अकारण: बिना कारण के
15. धड़ाधड़: जल्दी से
16. बेरहम: बिना रहम के
17. बकायदा: कायदे के साथ
18. बेकाम: बिना काम का
19. अध्यात्म : आत्मा से सम्बंधित
20. यथासमय: समय के अनुसार
21. यथारुचि : रूचि के अनुसार
22. प्रतिवर्ष : प्रत्येक वर्ष
23. प्रतिसप्ताह : प्रत्येक सप्ताह
24. निस्संदेह : बिना संदेह के
25. बेशक: बिना शक के
26. बेनाम: बिना नाम के
27. बेकाम: बिना काम के
28. बेलगाम: लगाम के बिना
29. भरपेट: पेट भर कर
30. भरपूर: पूरा भर के
31. रातभर: पूरी रात
32. दिनभर: पूरे दिन
33. रातोंरात : रात ही रात में
34. हाथोंहाथ : एक हाथ से दुसरे हाथ में
35. घडी-घडी: हर घडी
36. साफ़-साफ़ : बिलकुल स्पष्ट
2-तत्पुरुष समास-
परिभाषा- जिस समास में दूसरा पद प्रधान होता हैं दोनों पदों के बीच कारक चिह्न का लोप हो जाता हैं|
जैसे- राजकुमार - राजा का पुत्र,
रचनाकार- रचना को करने वाला,
गंगा जल- गंगा का जल,
भयमुक्त- भय से मुक्त
तत्पुरुष समास के कुछ अन्य उदाहरण =
1. मूर्ति को बनाने वाला — मूर्तिकार
2. काल को जीतने वाला — कालजयी
3. राजा को धोखा देने वाला — राजद्रोही
4. खुद को मारने वाला — आत्मघाती
5. मांस को खाने वाला — मांसाहारी...
6. शाक को खाने वाला — शाकाहारी
7. राजा का कुमार : राजकुमार
8. धर्म का ग्रन्थ : धर्मग्रन्थ
9. परलोकगमन : परलोक को गमन।
10. शरणागत : शरण को आया हुआ।
11. आशातीत : आशा को लाँघकर गया हुआ।
12. सिरतोड़ : सिर को तोड़ने वाला।
13. गगनचुम्बी : गगन को चूमने वाला।
14. रथचालक : रथ को चलाने वाला।
15. जेबकतरा : जेब को कतरने वाला।
16. करुणापूर्ण : करुणा से पूर्ण
17. शोकाकुल : शोक से आकुल
18. वाल्मीकिरचित : वाल्मीकि द्वारा रचित
19. शोकातुर : शोक से आतुर
20. कष्टसाध्य : कष्ट से साध्य
21. मनमाना : मन से माना हुआ
22. शराहत : शर से आहत
23. प्रयोगशाला : प्रयोग के लिए शाला
24. डाकगाड़ी : डाक के लिए गाडी
25. रसोईघर : रसोई के लिए घर
26. यज्ञशाला : यज्ञ के लिए शाला
27. देशार्पण : देश के लिए अर्पण
28. गौशाला : गौओं के लिए शाला
29. सत्याग्रह : सत्य के लिए आग्रह
30. रोगमुक्त : रोग से मुक्त
31. बंधनमुक्त : बंधन से मुक्त
32. दूरागत : दूर से आगत
33. जन्मांध : जन्म से अँधा
34. नेत्रहीन : नेत्र से हीन
35. पापमुक्त : पाप से मुक्त
36. जलहीन : जल से हीन
37. ऋणमुक्त : ऋण से मुक्त
38. धनहीन : धन से हीन
39. गुणहीन : गुण से हीन
40. विद्यारहित : विद्या से रहित
41. पथभ्रष्ट : पथ से भ्रष्ट
42. जीवनमुक्त : जीवन से मुक्त
43. पुष्प वर्षा : पुष्पों की वर्षा
44. उद्योगपति : उद्योग का पति
45. पराधीन : दूसरों के अधीन
46. सेनापति : सेना का पति
47. राजदरबार : राजा का दरबार
48. देशरक्षा : देश की रक्षा
49. गृहस्वामी : गृह का स्वामी
50. आपबीती : आप पर बीती
51. जल समाधि : जल में समाधि
52. जलज : जल में जन्मा
53. नीतिकुशल : नीति में कुशल
54. नरोत्तम : नारों में उत्तम
55. गृहप्रवेश : गृह में प्रवेश
1. मूर्ति को बनाने वाला — मूर्तिकार
2. काल को जीतने वाला — कालजयी
3. राजा को धोखा देने वाला — राजद्रोही
4. खुद को मारने वाला — आत्मघाती
5. मांस को खाने वाला — मांसाहारी...
6. शाक को खाने वाला — शाकाहारी
7. राजा का कुमार : राजकुमार
8. धर्म का ग्रन्थ : धर्मग्रन्थ
9. परलोकगमन : परलोक को गमन।
10. शरणागत : शरण को आया हुआ।
11. आशातीत : आशा को लाँघकर गया हुआ।
12. सिरतोड़ : सिर को तोड़ने वाला।
13. गगनचुम्बी : गगन को चूमने वाला।
14. रथचालक : रथ को चलाने वाला।
15. जेबकतरा : जेब को कतरने वाला।
16. करुणापूर्ण : करुणा से पूर्ण
17. शोकाकुल : शोक से आकुल
18. वाल्मीकिरचित : वाल्मीकि द्वारा रचित
19. शोकातुर : शोक से आतुर
20. कष्टसाध्य : कष्ट से साध्य
21. मनमाना : मन से माना हुआ
22. शराहत : शर से आहत
23. प्रयोगशाला : प्रयोग के लिए शाला
24. डाकगाड़ी : डाक के लिए गाडी
25. रसोईघर : रसोई के लिए घर
26. यज्ञशाला : यज्ञ के लिए शाला
27. देशार्पण : देश के लिए अर्पण
28. गौशाला : गौओं के लिए शाला
29. सत्याग्रह : सत्य के लिए आग्रह
30. रोगमुक्त : रोग से मुक्त
31. बंधनमुक्त : बंधन से मुक्त
32. दूरागत : दूर से आगत
33. जन्मांध : जन्म से अँधा
34. नेत्रहीन : नेत्र से हीन
35. पापमुक्त : पाप से मुक्त
36. जलहीन : जल से हीन
37. ऋणमुक्त : ऋण से मुक्त
38. धनहीन : धन से हीन
39. गुणहीन : गुण से हीन
40. विद्यारहित : विद्या से रहित
41. पथभ्रष्ट : पथ से भ्रष्ट
42. जीवनमुक्त : जीवन से मुक्त
43. पुष्प वर्षा : पुष्पों की वर्षा
44. उद्योगपति : उद्योग का पति
45. पराधीन : दूसरों के अधीन
46. सेनापति : सेना का पति
47. राजदरबार : राजा का दरबार
48. देशरक्षा : देश की रक्षा
49. गृहस्वामी : गृह का स्वामी
50. आपबीती : आप पर बीती
51. जल समाधि : जल में समाधि
52. जलज : जल में जन्मा
53. नीतिकुशल : नीति में कुशल
54. नरोत्तम : नारों में उत्तम
55. गृहप्रवेश : गृह में प्रवेश
विभक्ति के नामों के अनुसार तत्पुरुष समास के 6 भेद होते हैं -
- कर्म तत्पुरुष
- करण तत्पुरुष
- सम्प्रदान तत्पुरुष
- अपादान तत्पुरुष
- सम्बन्ध तत्पुरुष
- अधिकरण तत्पुरुष
3-कर्मधारय समास-
परिभाषा- जिसमे समास का पहला पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य होता हैं अथवा उपमान- उपमेय का सम्बन्ध होता हैं |
जैसे- नीलगाय, नीलकमल, चरणकमल,चंद्रमुख |
कर्मधारय समास के कुछ अन्य उदाहरण =
1. पीताम्बर =पीत है जो अम्बर
2. महात्मा =महान है जो आत्मा
3. देहलता = देह रूपी लता
4. नवयुवक = नव है जो युवक
5. कमल नयन = कमल के समान नयन...
6. नीलकमल = नीला है जो कमल
7. लालमणि = लाल है जो मणि
8. महादेव = महान है जो देव
9. आदि प्रवर्तक : पहला प्रवर्तक
10. पुरुषरत्न : रत्न है जो पुरुष
11. विरहसागर : विरह रुपी सागर
12. पर्णकुटी : पत्तों से बनी कुटी
13. चल सम्पति : गतिशील संपत्ति
14. भवजल : भव(संसार) रुपी जल
15. कीर्तिलता : कीर्ति रुपी लता
16. भक्तिसुधा : भक्ति रुपी सुधा
17. मुखारविंद : अरविन्द के समान मुख
18. पुत्ररत्न : रत्न के सामान पुत्र
19. कृष्णसर्प = कृष्ण है जो सर्प
20. सज्जन = सत है जो जन
21. नीलगाय = नीली है जो गाय
22. शुभागमन = शुभ है जो आगमन
23. कनकलता = कनक के समान लता
24. प्राणप्रिय = प्राणों के सामान प्रिय
25. भुजदंड = दंड के समान भुजा
26. मृगलोचन = मृग के सामान लोचन
27. नीलगगन =नीला है जो गगन
28. चन्द्रमुख = चन्द्र जैसा मुख
1. पीताम्बर =पीत है जो अम्बर
2. महात्मा =महान है जो आत्मा
3. देहलता = देह रूपी लता
4. नवयुवक = नव है जो युवक
5. कमल नयन = कमल के समान नयन...
6. नीलकमल = नीला है जो कमल
7. लालमणि = लाल है जो मणि
8. महादेव = महान है जो देव
9. आदि प्रवर्तक : पहला प्रवर्तक
10. पुरुषरत्न : रत्न है जो पुरुष
11. विरहसागर : विरह रुपी सागर
12. पर्णकुटी : पत्तों से बनी कुटी
13. चल सम्पति : गतिशील संपत्ति
14. भवजल : भव(संसार) रुपी जल
15. कीर्तिलता : कीर्ति रुपी लता
16. भक्तिसुधा : भक्ति रुपी सुधा
17. मुखारविंद : अरविन्द के समान मुख
18. पुत्ररत्न : रत्न के सामान पुत्र
19. कृष्णसर्प = कृष्ण है जो सर्प
20. सज्जन = सत है जो जन
21. नीलगाय = नीली है जो गाय
22. शुभागमन = शुभ है जो आगमन
23. कनकलता = कनक के समान लता
24. प्राणप्रिय = प्राणों के सामान प्रिय
25. भुजदंड = दंड के समान भुजा
26. मृगलोचन = मृग के सामान लोचन
27. नीलगगन =नीला है जो गगन
28. चन्द्रमुख = चन्द्र जैसा मुख
4-द्विगु समास-
परिभाषा- इसका प्रथम पद संख्यावाचक विशेषण होता है और इससे समूह या समुदाय का बोध होता हैं|
जैसे- त्रिरत्न, पंचकुटी, त्रिलोक, चौराहा |
द्विगु समास के कुछ अन्य उदाहरण =
1. दोपहर : दो पहरों का समाहार
2. शताब्दी : सौ सालों का समूह
3. चौराहा : चार राहों का समूह
4. त्रिकोण : तीन कोणों का समूह
5. तिरंगा : तीन रंगों का समूह.....
6. त्रिफला : तीन फलों का समूह
7. चतुर्मुख : चार मुखों का समाहार
8. नवरत्न : नव रत्नों का समाहार
9. सतसई : सात सौ दोहों का समाहार
10. त्रिभुवन : तीन भुवनों का समाहार
11. दोराहा : दो राहों का समाहार
12. त्रिलोक : तीन लोकों का समाहार
13. नवरात्र : नौ रात्रियों का समूह
14. अठन्नी : आठ आनों का समूह
15. दुसुती : डो सुतो का समू
16. अठकोनी : आठ कोनो का समाहार
17. छमाही : छह माहों का समाहार
18. अष्टधातु : आठ धातुओं का समाहार
19. त्रिवेणी : तीन वेणियों का समाहार
20. तिमाही : तीन माहों का समाहार
21. चौमासा : चार मासों का समाहार
1. दोपहर : दो पहरों का समाहार
2. शताब्दी : सौ सालों का समूह
3. चौराहा : चार राहों का समूह
4. त्रिकोण : तीन कोणों का समूह
5. तिरंगा : तीन रंगों का समूह.....
6. त्रिफला : तीन फलों का समूह
7. चतुर्मुख : चार मुखों का समाहार
8. नवरत्न : नव रत्नों का समाहार
9. सतसई : सात सौ दोहों का समाहार
10. त्रिभुवन : तीन भुवनों का समाहार
11. दोराहा : दो राहों का समाहार
12. त्रिलोक : तीन लोकों का समाहार
13. नवरात्र : नौ रात्रियों का समूह
14. अठन्नी : आठ आनों का समूह
15. दुसुती : डो सुतो का समू
16. अठकोनी : आठ कोनो का समाहार
17. छमाही : छह माहों का समाहार
18. अष्टधातु : आठ धातुओं का समाहार
19. त्रिवेणी : तीन वेणियों का समाहार
20. तिमाही : तीन माहों का समाहार
21. चौमासा : चार मासों का समाहार
5-द्वंद्व समास-
परिभाषा- इसमे दोनों पद प्रधान होते है और दोनों पदो बीच योजक का चिह्न आता हैं|
जैसे- माता-पिता, रात-दिन, भाई-बहन, सुबह-साम |
द्वंद् समास के कुछ अन्य उदाहरण =
1. अन्न-जल : अन्न और जल
2. अपना-पराया : अपना और पराया
3. देश-विदेश : देश और विदेश
4. रात-दिन: रात और दिन
5. भला-बुरा: भला और बुरा.....
6. छोटा-बड़ा: छोटा और बड़ा
7. आटा-दाल: आटा और दाल
8. पाप-पुण्य : पाप और पुण्य
9. देश-विदेश : देश और विदेश
10. लोटा-डोरी : लोटा और डोरी
11. सीता-राम: सीता और राम
12. भूल-चूक: भूल या चूक
13. सुख-दुख: सुख या दुःख
14. गौरीशंकर : गौरी और शंकर
15. राधा-कृष्ण : राधा और कृष्ण
16. राजा-प्रजा : राजा और प्रजा
17. गुण-दोष: गुण और दोष
18. नर-नारी: नर और नारी
19. एड़ी-चोटी: एड़ी और चोटी
20. लेन-देन: लेन और देन
21. भला-बुरा: भला और बुरा
22. जन्म-मरण: जन्म और मरण
23. पाप-पुण्य : पाप और पुण्य
24. तिल-चावल: तिल और चावल
25. भाई-बहन: भाई और बहन
26. नून-तेल: नून और तेल
1. अन्न-जल : अन्न और जल
2. अपना-पराया : अपना और पराया
3. देश-विदेश : देश और विदेश
4. रात-दिन: रात और दिन
5. भला-बुरा: भला और बुरा.....
6. छोटा-बड़ा: छोटा और बड़ा
7. आटा-दाल: आटा और दाल
8. पाप-पुण्य : पाप और पुण्य
9. देश-विदेश : देश और विदेश
10. लोटा-डोरी : लोटा और डोरी
11. सीता-राम: सीता और राम
12. भूल-चूक: भूल या चूक
13. सुख-दुख: सुख या दुःख
14. गौरीशंकर : गौरी और शंकर
15. राधा-कृष्ण : राधा और कृष्ण
16. राजा-प्रजा : राजा और प्रजा
17. गुण-दोष: गुण और दोष
18. नर-नारी: नर और नारी
19. एड़ी-चोटी: एड़ी और चोटी
20. लेन-देन: लेन और देन
21. भला-बुरा: भला और बुरा
22. जन्म-मरण: जन्म और मरण
23. पाप-पुण्य : पाप और पुण्य
24. तिल-चावल: तिल और चावल
25. भाई-बहन: भाई और बहन
26. नून-तेल: नून और तेल
6-बहुब्रीहि समास-
परिभाषा- इस समास का कोई भी खण्ड अपना अर्थ नही दोनों खण्ड मिलकर किसी तीसरे की ओर संकेत करते हैं|
जैसे- त्रिनेत्र अर्थात भगवान शंकर
चक्रपाणि अर्थात भगवान विष्णु
दशानन - दश है आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावण
नीलकंठ - नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिव
सुलोचना - सुंदर है लोचन जिसके अर्थात् मेघनाद की पत्नी
पीतांबर - पीला है अम्बर (वस्त्र) जिसका अर्थात् श्रीकृष्ण
लंबोदर - लंबा है उदर (पेट) जिसका अर्थात् गणेशजी
दुरात्मा - बुरी आत्मा वाला (कोई दुष्ट)
श्वेतांबर - श्वेत है जिसके अंबर (वस्त्र) अर्थात् सरस्वती जी
दशानन - दश है आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावण
नीलकंठ - नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिव
सुलोचना - सुंदर है लोचन जिसके अर्थात् मेघनाद की पत्नी
पीतांबर - पीला है अम्बर (वस्त्र) जिसका अर्थात् श्रीकृष्ण
लंबोदर - लंबा है उदर (पेट) जिसका अर्थात् गणेशजी
दुरात्मा - बुरी आत्मा वाला (कोई दुष्ट)
श्वेतांबर - श्वेत है जिसके अंबर (वस्त्र) अर्थात् सरस्वती जी
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Deletethank You......
ReplyDeletejojo
ReplyDeletefantastic
ReplyDeleteSamas ek accha shabd aur uske prakar ek achhi paribhasa btane k liye Hindi k bare m kitni achhe salike se samjhne yogya Bhasha.
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ReplyDeleteSir aapne
ReplyDeletesamas ko acche se samjhaya hai thank you
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